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Exclusive on BPSC Protest: 13 दिनों से जारी अभ्यर्थियों ने सौंपा मुख्य सचिव को मांग पत्र, केस वापसी की मांग

BPSC Protest

BPSC Protest

BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग पर पटना की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों का विरोध अब सरकार तक पहुँच गया है। इस संबंध में अभ्यर्थियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात की और अपनी मांगों को लेकर एक विस्तृत मांग-पत्र सौंपा। मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों की मांगों पर विधि-सम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

BPSC Protest की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग पर पटना की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थि img credti: Hindustan

BPSC Protest: 13 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन

पटना की सड़कों पर पिछले 13 दिनों से BPSC अभ्यर्थी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं। उनकी शिकायत है कि परीक्षा में अनियमितताओं के कारण सभी परीक्षार्थियों के साथ न्याय नहीं हो रहा है। ऐसे में परीक्षा को रद्द कर पुनः आयोजन करने की आवश्यकता है।

इस बीच, अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उनके द्वारा सौंपे गए मांग-पत्र में कई अहम बिंदुओं का उल्लेख किया गया है, जिनमें परीक्षा रद्द करने, अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराने, और अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग शामिल है।

अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने BPSC मुख्य सचिव से मुलाकात कर अपनी बात रखी

BPSC Protest में मांग-पत्र की प्रमुख बातें

प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए मांग-पत्र में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु शामिल हैं:

1. BPSC Exam cancle करने की मांग: 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को पूरी तरह रद्द कर पुनः आयोजित करने की अपील की गई है।
2. उच्चस्तरीय जांच: परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच एक स्वतंत्र और उच्चस्तरीय समिति द्वारा कराने की मांग की गई है।
3. अभ्यर्थियों पर दर्ज मुकदमे: प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों पर दर्ज मुकदमों को तुरंत वापस लिया जाए।
4. बल प्रयोग की शिकायत: प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के उपयोग की जांच हो और इसमें लिप्त कर्मियों पर कार्रवाई की जाए।
5. मुआवजे की मांग: BPSC Exam की तैयारी कर रहे दिवंगत अभ्यर्थी सोनू कुमार के परिवार को आर्थिक मुआवजा दिया जाए।

मांग-पत्र: BPSC Exam की तैयारी कर रहे दिवंगत सोनू कुमार के परिवार को आर्थिक मुआवजा दिया जाए। img credit: Moneycontrol

इसके अलावा, पटना के बापू परीक्षा केंद्र और अन्य परीक्षा केंद्रों में हुई समस्याओं पर भी प्रकाश डाला गया है।

मुख्य सचिव का आश्वासन

मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि उनकी सभी मांगों पर विधि-सम्मत तरीके से विचार किया जाएगा। उन्होंने अभ्यर्थियों से शांति बनाए रखने और प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार के हिंसात्मक कदम से बचने की अपील की।

पिछले विवादों की पुनरावृत्ति

BPSC exam से संबंधित विवाद कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जब परीक्षा में गड़बड़ी के कारण उसे रद्द करना पड़ा। वर्ष 2022 में आयोजित 67वीं सिविल सेवा परीक्षा इसका एक उदाहरण है। उस समय परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, जिसके कारण आयोग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए परीक्षा रद्द कर दी थी।

उस घटना में, आयोग ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था, जिसने केवल तीन घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा को रद्द कर नई तारीखों की घोषणा की गई थी।

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इस बार क्या हुआ BPSC Exam में?

2024 की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में भी अभ्यर्थी पेपर लीक होने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि, इस बार प्रशासन ने अब तक पेपर लीक की पुष्टि नहीं की है। फिर भी, अभ्यर्थी परीक्षा में हुई अनियमितताओं का हवाला देते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई

रविवार को पटना में प्रदर्शन के दौरान जमकर हंगामा हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और ठंड के मौसम में वाटर कैनन से पानी का छिड़काव किया। इस घटना को लेकर प्रशासन की आलोचना हो रही है।

आगे की राह

अब देखना यह है कि सरकार और आयोग इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं। BPSC जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से छात्रों की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। ऐसे में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखना बेहद जरूरी है। यदि छात्रों की मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो यह प्रदर्शन और अधिक व्यापक हो सकता है।

अभ्यर्थियों की इस मांग ने न केवल प्रशासन को बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है कि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष कैसे बनाया जाए।

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